लड़कियां तकनीकी शिक्षा के सहारे कामयाबी की नई इबारत लिख सकती है By रईस आलम, नेशनल कोऑर्डिनेटर, आवाज़-ए-ख़्वातीन
रामपुर। उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक शहर है रामपुर। नवाबी ठाठ के लिए मशहूर ये शहर अपने सीने में देश का एक लंबा इतिहास समेटे बैठा है। इसी शहर ने आज़ादी के बाद मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के रूप में देश को पहला शिक्षा मंत्री दिया। देश को अली ब्रदर्स जैसा स्वतंत्रता सेनानी रामपुर ने ही दिया। ख़िलाफ़त आंदोलन की शुरुआत करने वाली वीरांगना बी अम्मा भी इसी शहर से हैं। जिस शहर ने देश को पहला शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आज़ाद और बी अम्मा सरीखी वीर महिला दिया है उसी शहर की लड़कियां आज शिक्षा की रोशनी खास कर तकनीकी शिक्षा की रोशनी से दूर हैं। यहां की लड़कियों के मन में तकनीकी शिक्षा की अलख जगाने के लिए आवाज़-ए-ख़्वातीन की टीम रामपुर पहुंची।
आवाज-ए-ख़्वातीन की ओर से रामपुर के राजकीय बालिका इंटर कालेज, किला में करियर काउंसलिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का मकसद था स्कूली छात्राओं को तकनीकी शिक्षा की तरफ़ मोड़ना। आवाज-ए-ख़्वातीन की निदेशक रत्ना शुक्ला आनंद ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि रामपुर जैसे ऐतिहासिक शहर की लड़कियां तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में पीछे हैं ये बात शोभा नहीं देती है। अब समय आ गया है कि आप अपनी सोच को बदलिए। जीवन का मकसद सिर्फ शादी करके घर संभालना नहीं होता है। जीवन का मकसद आत्म सम्मान के साथ जीना भी होता है। इसलिए ज़रूरी है कि रामपुर की लड़कियां भी डॉक्टर और इंजीनियर बनें। ताकि वो अपनी मर्ज़ी का जीवन जी सकें। रत्ना शुक्ला आनंद ने कहा कि आज कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां महिलाएं न हों, इसलिए आप जिस भी क्षेत्र में जाना चाहे जा सकती हैं। इसके लिए तमाम योजनाएं चल रही हैं छात्राएं उन योजनाओं का लाभ ले सकती हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजकीय पॉलिटेक्निक के व्याख्याता सिमरत सिंह गिल ने छात्राओं से कहा कि आज जिसके पास तकनीक है वो सफल है। उन्होंने छात्राओं को बताया कि दसवीं पास करने के बाद आप छात्राएं तकनीकि शिक्षा की तरफ़ बढ़ सकती हैं। आपके शहर में ही तकनीकि शिक्षा की सारी सुविधाएं मौजूद हैं। राजकीय रज़ा इंटर कालेज के प्रधानाचार्य अभिलाष कुमार ने कहा कि छात्राएं भी किसी से कम नहीं हैं। हर फील्ड में लड़कियां आगे बढ रही हैं। लड़कियों को भी अपने करियर के प्रति जागरूक रहना चाहिए। राजकीय बालिका इंटर कालेज की प्रधानाचार्य डॉ. गीता सैनी ने छात्राओं से कहा कि समय के मोल को पहचानिए और आगे बढ़िए। मांगने वाली मत बनिए, देने वाली बनिए। और ये तभी संभव हो सकेगा जब आप आर्थिक रूप से मजबूत बनेंगी। राजकीय पॉलिटेक्निक के व्याख्याता और मशहूर शायर हाशिम रजा जलालपुरी ने कार्यक्रम का संचालन करने के दौरान महोल को शायराना बनाए रखा। दसवीं पास करने के बाद करियर में आगे बढ़ने का मार्गदर्शन पाने के बाद स्कूल की छात्राओं ने अपने मन की बात की। किसी छात्रा ने बताया कि वो शिक्षिका बनना चाहती है तो किसी ने पुलिस और डॉक्टर बन कर समाज और देश की सेवा करने की बात की। कार्यक्रम के अंत में कॉलेज के वरिष्ठ लिपिक नवीन पांडे और कॉलेज की अद्यापिकाओं ने आवाज़-ए-ख़्वातीन से कहा कि इस मुहिम को लेकर आगे भी बहुत करने की जरूरत है। इसलिए बार बार रामपुर आना होगा